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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
Matabari Temple is really a sacred area in which folks from different religions and cultures Collect and worship.
Saadi mantras are more available, utilized for normal worship also to invoke the presence from the deity in lifestyle.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।
देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
These gatherings are not merely about individual spirituality but will also about reinforcing the communal bonds by way of shared ordeals.
Celebrations like Lalita Jayanti spotlight her read more importance, exactly where rituals and choices are created in her honor. The goddess's grace is believed to cleanse earlier sins and lead just one in the direction of the final word aim of Moksha.
श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥